बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
हम कुछ लोग जिनमे अंदर हक को तलाश् करने की जुस्तजु थी वे और उन लोगो को जिन्हे हक की तलाश् का शौक है उन तक अपनी बात पहुंचाने और उनकी बात सुनने की तड़प ने इस ब्लाग को शुरू करने की तरफ पहला कदम बढाया है और उस जात से जिसके कब्जए कुदरत मे हम सबो की जान है से उम्मीद करते है कि हम सब मिलकर उस राह पर चल पड़ेगे जिसकी वसीयत हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद सल्ल0 ने दुनिया से तश्रीफ ले जाते वक्त हमारे लिए फरमाई थी
आईये हम और आप मिल कर उस हक की तलाश् करे जो हमसे छुपाया गया है हर उस सुन्नत को जिंदा करे जो वक्त के साथ्'साथ् मुर्दा हो गई है और 100 श्हीदो का सवाब पाने के साथ् साथ् सही मायने मे ला इलाहा इल्लल्लाह का हक अदा करे (आमीन)
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